शनिवार, 12 अक्तूबर 2019

सुभाषितानि पाठ का अर्थ


1- आलस्य ही मनुष्य के शरीर में रहने वाला
    सबसे बड़ा दुश्मन है। परिश्रम के समान कोई
    मित्र नहीं है , जिसको करके (मनुष्य) दुखी 
    नहीं होता है।
2- गुणवान व्यक्ति गुण ( के महत्व ) को जानता
     है । गुणहीन गुण ( के महत्व ) नहीं जानता ।
     बलवान व्यक्ति बल को जानता है, निर्बल
     बल को नहीं जानता । कोयल वसंत ऋतु के
     गुण को कोयल जानती है कौवा नहीं जानता
     है। और हाथी शेर के बल को जानता है ,
     चूहा नहीं जानता है ।
3-  जो किसी कारण से अत्यधिक क्रोध करता
     है। निश्चित रुप से वह उस कारण के समाप्त
     होने पर प्रसन्न भी हो जाता है। परंतु जिसका
     मन बिना  कारण के किसी से द्वेष करता है।
      व्यक्ति उसे कैसे संतुष्ट करेगा ?
4- कहा हुआ अर्थ पशु के द्वारा भी ग्रहण कर
    लिया जाता है। घोड़े और हाथी भी कहे जाने
    पर ( भार ) ढोते हैं । विद्वान बिना कहे ही
     बात को समझ लेते हैं  क्योंकि बुद्धियाँ दूसरों
    के संकेत से उत्पन्न ज्ञान रुपी फल वाली होती
     है ।
5-  मनुष्य के शरीर में रहने वाला क्रोध शरीर को
     नष्ट करने के लिए उस का पहला शत्रु है।
     जैसे लकड़ी में स्थित आग उसे जलाने का
     कारण होती है। (वैसे ही क्रोध रूपी अग्नि )
     वहीं आग शरीर को भी जलाती है ।
6- हिरण हिरणों के साथ पीछे पीछे चलते हैं।
   गाय गायों के साथ, घोड़े घोड़े के साथ, मूर्ख
   मूर्खों के साथ तथा बुद्धिमान बुद्धिमानों के
  साथ (जाते हैं ) समान आचरण तथा समान
  आदतों वालों में मित्रता हो जाती है।
7- फल और छाया से युक्त महान वृक्ष आश्रय
    लेने योग्य होता है । यदि भाग्य वश(उस वृक्ष
    में ) फल न हो तो भी छाया को किसके द्वारा
     रोका जा सकती है ?
8- मंत्र (गुण) से रहित (कोई) अक्षर नहीं होता
    है। औषधीय गुणों से हीन कोई जड़ नहीं
    होती । कोई व्यक्ति अयोग्य नहीं होता। वहाँ
   ( वस्तुओं या व्यक्तियों को जोड़ने वाला)
    संयोजक दुर्लभ होता है।
9-सम्पत्ति और विपत्ति में  महान लोग एक
   समान रहते हैं। जैसे उदय होते समय भी सूर्य
   लाल रंग का होता है तथा अस्त होते समय भी
   वह लाल रंग का ही होता है।
10- इस विचित्र संसार में कुछ भी निरर्थक नहीं है ।
   यदि घोड़ा दौड़ने में (उपयोगी ) वीर है तो गधा भार ढोने में 
   (उपयोगी) वीर होता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें