शनिवार, 13 जून 2020

SANSKRIT MCQ TEST OF SHUCHI PARYAVARANAM, SAMAS AND SANDHI CLASS- 10



प्रश्न १ - अधोलिखितं पद्यांशम् पठित्वा उत्तरत- 
     प्रस्तरतले लतातरु गुल्मा: नो भवन्तु पिष्टाः।
     पाषाणी सभ्यता निसर्गे स्यान्न समाविष्टा॥
     मानवाय जीवनं कामये नो जीवनमरणम्।  शुचि पर्यावरणम्॥
I. एक पदेन उत्तरत-                                               
 (i) लता तरु गुल्माः कुत्र न पिष्टाः भवन्तु ?
    () निसर्गे   () मानवाय  () प्रस्तरतले () गुल्मा:

 (ii) पाषाणी सभ्यता कुत्र समाविष्टा न स्यात् ?
    () कामये  () निसर्गे    () प्रस्तरतले () पाषाणी

 (iii)  कविः का कामना करोति?
    () जीवनं        () जीवनमरणम्    ()  मरणम्   ) कामये
(iv)  पर्यावरणम् कीदृशम् भवेत् ?
    () नो        () शुचि     ()  मरणम्   ) मानवाय

III. भाषिककार्यम्-                                                  
(1) 'इच्छामि' पदस्य कर्ता पदं किं अस्ति ?
  () अहम्     () त्वं     () कामये    () तले
(ii) 'सभ्यता' इति पदस्य विशेषण पदं किम्?
  () निसर्गे    () पात्      () पिष्टाः    () पाषाणी
(ii)  'अहम्'  इति कर्तृ पदस्य क्रिया पदं किम्?
  () मानवाय   () जीवनम्    () कामये    () नो
(iv) 'जीवनम्' इति पदस्य श्लोके विपर्यय पदं किम्?
   () मरणम्    () जीवनम्     () मानवाय () सभ्यता

प्रश्न २ - प्रश्न निर्माणं कुरुत |                                      
1. शकटीयानम् कज्जलमलिनं धूमं मुञ्चति।
   () किम्    () कम्    () कीदृशम्    () कथम्
2. प्रस्तर तले लतातरुगुल्मा: पिष्टाः न भवन्तु।
   () के      () किम्    () केन       () केन

3. महानगरेषु वाहनानाम् अनन्ताः पङ्क्तयः धावन्ति।
  () केषु     () किम्   () कथम्   () कानि
4.कविः मानवाय जीवनस्य कामनां करोति।
  () कथम्    () केन     () कस्मै    () कस्य

प्रश्न 3 - समास वा विग्रहं कुरुत |                                    
1. दुर्दान्तैः दशनैः अमुना स्यात्।
 () दुर्दान्तादशनैः  () दुर्दन्तदशनै   () दुर्दान्तदशनैः () दुर्दन्तदशानैः
2. नैव जनानां ग्रसनम्
 () जनग्रासनम्   () जनग्रसनम्   () जनगसनम्  () जानग्रसनम्
 3. समलं धरातलम्।
 () मलस्य सह  () मलं सहितम्   () मलस्य सहितम्  () मलेन सहितम्
4. तत्र राजसिंहः नाम राजपुत्रः वसतिस्म।।
 () राजस्य पुत्रः  () राज्ञस्य पुत्रः  () राजः पुत्रः () राज्ञः पुत्रः

प्रश्न 4 - संधिम्  वा विच्छेदम्  कुरुत |                               
1. निसर्गे  स्यात्  + न  समाविष्टा
   () स्यान्न   () सयत्न   () स्यादन   () सयान
2. स:  क:  + चित्   समाविष्टा
   () कश्चित्   () कलचिद   ()  काचित् () कंचित्
3. निर्मलं जलं न अस्ति |
  () नीर + मल  () निर + मलम्  ()  नीमा: + लं  () निर + लं
4. कृष्ण: वागीश: अस्ति |
  () वाक् + ईश: () वाग + ईश: ()  वा + गिश: () वागी + श:


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